Wednesday, 20 February 2013

समय मिलने पर

दाता हुकम फुरमाया करते अपने पोतो यानि मेरे पिताजी श्रीमान अभय सिंह जी को, की कीमत तलवार की नही होती ,कीमत होती कमर की .उनके कहने का मतलब होता की जो तलवार चलाना नही जानता उस को एक दम नई धारदार तलवार दे दि जाये और एक राजपूत को भोंटी धार हिन् तलवार दे दि जाये तो राजपूत उस तलवार को चला सकता हैं  

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