भूख लगे तो खाना प्रकृति हैं, भूख नही लगें, तो खाना विकृति हैं. और स्वयं भूखें रहकर किसी भूखें को खिलाना संस्कृति हैं .इस को भारत कहते हैं............................................................................................................... .Nature hungry eat, hunger not start to eat pathology. Staying hungry hungry to feed themselves and culture. This is India.
Wednesday, 20 February 2013
समय मिलने पर
दाता हुकम फुरमाया करते अपने पोतो यानि मेरे पिताजी श्रीमान अभय सिंह जी को, की कीमत तलवार की नही होती ,कीमत होती कमर की .उनके कहने का मतलब होता की जो तलवार चलाना नही जानता उस को एक दम नई धारदार तलवार दे दि जाये और एक राजपूत को भोंटी धार हिन् तलवार दे दि जाये तो राजपूत उस तलवार को चला सकता हैं
Sunday, 17 February 2013
क्षत्रिय और शिकार
दाता हुकम ठाकुर साहब फुर्माते [ कहते, बताते थें ] थें. की क्षत्रिय = क्षत्त का अर्थ होता हैं चोट खाया हुआ. जो क्षति से रक्षा करे वह क्षत्रिय कहलाता हैं. [ त्रायते - रक्षा प्रदान करना ] क्षत्रियो को वन मे आखेट करने का प्रशिक्षण दिया जाता हैं. क्षत्रिय जंगल में जाकर शेर से ललकार कर मुकाबला करता है और आमने सामने बिची, कटारी और तलवार से मुलाबला करता है, और शेर की मृत्यु होने के बाद उस की राजसी ढंग से उस की अंतिम संस्कार करते है .क्यों की शेर को ललकारने और मारने की शिक्षा दि जाती क्योकि कभी कभी धर्मिक हिंसा भी अन्यवारी भी होती जिस के पीछे कारण होता की समाज की रक्षा सफलता पूर्वक की जा सके इस लिए क्षत्रियो को सीधे सन्यास आश्रम ग्रहण करने की कोई विधि या विधान नही हैं,
क्षत्रिय और शिकार
क्षत्रिय और शिकार - दाता हुकम ठाकुर साहब फुर्माते [ कहते, बताते थें ] थें. की क्षत्रिय = क्षत्त का अर्थ होता हैं चोट खाया हुआ. जो क्षति से रक्षा करे वह क्षत्रिय कहलाता हैं. [ त्रायते - रक्षा प्रदान करना ] क्षत्रियो को वन मे आखेट करने का प्रशिक्षण दिया जाता हैं. क्षत्रिय जंगल में जाकर शेर से ललकार कर मुकाबला करता है और आमने सामने बिची, कटारी और तलवार से मुलाबला करता है, और शेर की मृत्यु होने के बाद उस की राजसी ढंग से उस की अंतिम संस्कार करते है. क्यों की शेर को ललकारने और मारने की शिक्षा दि जाती क्योकि कभी कभी धर्मिक हिंसा भी अन्यवारी भी होती जिस के पीछे कारण होता की समाज की रक्षा सफलता पूर्वक की जा सके इस लिए क्षत्रियो को सीधे सन्यास आश्रम ग्रहण करने की कोई विधि या विधान नही हैं,
Saturday, 9 February 2013
मोटा गुडा के रिश्तेदार
जय श्री कृष्ण = श्री मति राणावत जी धर्म पत्नी ठाकुर साहब प्रताप सिंह जी शेखावत ठिकाना राणावतो की चोगावाडी का स्वर्गवास, 1 फरवरी २०१३ को हुआ. ठाकुर साहब प्रताप सिंह जी मूल बनेडा ठिकाने के रहने वाले थे, ठाकुर साहब का ननियाल चोगावाडी था, आप नानोसा के आज्ञा से सुखवासी निवासी चोगावडी बिराजमान हुए .
2. श्री मान जेलर साहब पाबू सिंह जी का स्वर्गवास 3 फरवरी २०१३ को हुआ, आप मोटा गुडा के जवाई सा हुकम थें.
2. श्री मान जेलर साहब पाबू सिंह जी का स्वर्गवास 3 फरवरी २०१३ को हुआ, आप मोटा गुडा के जवाई सा हुकम थें.
Subscribe to:
Posts (Atom)